क्यों होमलोन के लिए करनी पड़ती है मशक्कत!


आज की दुनिया में हर किसी का सपना होता है कि अपना भी एक घर हो। हालांकि प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से अब घर खरीदना सभी के बस की बात नहीं रही। लेकिन होम लोन के आसानी से उपलब्ध होने के चलते अब घर खरीदना आसान होता जा रहा है। कई बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां हैं, जो होम लोन दे रही हैं।

आए दिन बैंकों की ओर से फिक्सड डिपॉजिट, पर्सनल लोन, होम लोन, क्रेडिट कार्ड आदि के लिए कॉल आती रहती है। कई बार तो ऐसा भी कहा जाता है कि आपके लिए होम लोन और पर्सनल लोन पहले से ही मंजूर किया गया है। लिहाजा आपको होम लोन और पर्सनल लोन के लिए किसी कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं है। आम आदमी के लिए ये बात काफी दिलासा देने वाली होती है और आम आदमी मानने लगता है कि होम लोन और पर्सनल लोन हासिल करना काफी आसान हो गया है। लेकिन जब वही आदमी बैंक में जाकर लोन के लिए आवेदन करता है तो उसकी अर्जी को नामंजूर कर दिया जाता है। हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों आपके लोन की अर्जी रद्द कर दी जाती है।

पर्सनल प्रोफाइल

किसी भी लोन की मंजूरी के लिए किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिमत्व काफी मायने रखता है। जिसके तहत शैक्षणिक योग्यता, प्रोफेशन, व्यक्ति पर निर्भर लोगों की संख्या, संपत्ति, कर्ज, जमा-पूंजी, बीमा पॉलिसी आदि का समावेश होता है। व्यक्ति पर निर्भर लोगों की संख्या ज्यादा रहने और पहले से ही कर्ज लिया हो तो लोन के रीपेमेंट पर असर होने के डर से बैंक लोन से कतराते हैं।

टाइटल डीड और एनओसी दस्तावेज

बैंक के निर्धारित प्रारुप में टाइटल डीड और एनओसी दस्तावेज को साफ सुथरे तरीके बताना जरूरी होता है। जिस व्यक्ति को लोन लेना है और उसने इन दस्तावेज को साफ सुथरे तरीके से बैंक के पास जमा नहीं कराए हैं तो उसके लोन की अर्जी को रद्द करने की संभावना बढ़ जाती है।

कर्ज का रीपेमेंट (क्रेडिट हिस्ट्री)

इन दिनों कर्ज लेने वाले व्यक्ति लेनदेन और पहले से लिए कर्ज के रीपेमेंट का इतिहास कैसा रहा है ये बात लोन हासिल करने में काफी मायने रखती है। हालांकि इसका आपके लोन पर ज्यादा असर तो नहीं पड़ता लेकिन लोन की मंजूरी से पहले बैंक एक बार इस पर नजर जरूर दौड़ाती है। इस प्रक्रिया में आपके पहले से लिए हुए कर्ज के भुगतान पर ज्यादा जोर दिया जाता है। यदि आपने क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन के भुगतान में देर की है तो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर बुरा असर पड़ता है। सिबिल के साथ मिलकर अब बैंक और वित्तीय संस्थान लोन के आवेदकों की जांच परख पैनी नजर से करने में जुट गई हैं।

व्यक्ति की आयु

होम लोन के लिए किया गया आवेदन व्यक्ति की आयु की वजह से भी रद्द होता है। बैंकों की नजर लोन के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति की आयु पर बनी रहती है। यदि लोन के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति रिटायरमेंट के करीब पहुंचा हुआ है, तो बैंकों की ओर से छोटी अवधि का कर्ज दिया जा सकता है। लेकिन छोटी अवधि के लोन से ईएमआई बढ़ जाती है और लोन के रीपेमेंट पर इसका असर पड़ता है। ऐसे में लंबी उम्र की वजह से भी लोन रद्द होने की संभावना बनती है।

निवास स्थान

बैंकों ने लोन देने के लिए इलाकों की सूची बनाकर रखी हुई है और इसके लिए कुछ बंधन भी निर्धारित किए गए हैं। बैंकों की ब्लैक लिस्ट में आने वाले इलाकों में रहने वाले व्यक्ति को लोन आसानी से नहीं मिल पाता है।

वित्तीय परिस्थिति

बैंक से हासिल होनेवाला होमलोन और होमलोन की रकम आपकी सालना आय पर निर्भर करती है। बैंकों की ओर से लोन को मंजूर करने से पहले व्यक्ति के बारे में ये पता लगाया जाता है कि लोन की रकम पर आनेवाली ईएमआई को भरने में कर्जदार समक्ष है या नहीं। नियमित आय और नौकरी में बार-बार परिवर्तन नहीं करने वाले व्यक्ति को आसानी से होमलोन मिलने के आसार होते हैं। साथ ही ऐसे व्यक्ति के पास अतिरिक्त बचत और बैंक खाते में अच्छी खासी रकम रखी हुई है तो होमलोन मिलने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है। वहीं नौकरी में बार-बार परिवर्तन करने और निर्भरों की संख्या ज्यादा होने की श्रेणी में आनेवाले व्यक्ति को होमलोन हासिल करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

पहले भी होमलोन की अर्जी नामंजूर

भारत में सिबिल नामक संस्था है जो लोन के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति की सभी वित्तीय जानकारी रखती है। यदि आपने पहले कभी लोन के लिए आवेदन किया है और आपकी अर्जी नामंजूर कर दी गई है तो इसका रिकार्ड सिबिल में रखा जाता है। यदि किसी व्यक्ति की अर्जी बार-बार नामंजूरी की गई है तो ऐसे व्यक्ति को होमलोन मिलना मुश्किल हो जाता है।

यह लेख बोनांजा पोर्टफोलियो की वित्तीय योजनाकार सेजल पटेल ने लिखा है।